Thursday, 18 April 2013

तो क्या सीबीआई की तरह हीं सरकार के अधीन हो जाएगी न्यायपालिका ???


 जजों (न्यायधिशों) की नियुक्ति प्रक्रिया में बदलाव लाने का मन सरकार बना चुकी है और इसके लिए जल्द हीं प्रस्ताव् लाने वाली है. सरकार के इस नए प्रस्ताव् के अनुसार जजों (न्यायधिशों) की नियुक्ति प्रक्रिया में अब देश के कानून मंत्री के साथ-साथ राष्ट्रपति द्वारा मनोनित दो कानूनविद भी होंगे. जबकि अभी जजों (न्यायधिशों) की नियुक्ति प्रक्रिया में सिर्फ सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठतम न्यायधिश लोग ही भाग लेते हैं, जो की जजों की नियुक्ति करतें हैं. सरकार के इस नए प्रस्ताव् के आने के बाद न्यायधिशों की नियुक्ति में सरकार का दखल भी होगा. सरकार अपनी मर्ज़ी के अनुसार न्यायधिशों की नियुक्ति करेगा और उसके बाद सीबीआई की तरह न्यायालय (कोर्ट) भी सरकार की कठपुतली बनकर रह जाएगी. सरकार के खिलाफ कोई भी फैसला देना मुश्किल हो जायेगा. सीबीआई की तरह न्यायालय के फैसलों में भी सरकार की दखलअदाज़ी बढ़ जाएगी.

                                        सरकार के इस कदम से तो यही लगता है की सरकार अब न्यायालय को भी अपने नियंत्रण में करना चाहती है ताकि सरकार के खिलाफ आने वाले फैसले पर विराम लग सके. न्याय में भी हेराफेरी करके सरकार अपने दामन पर लगे भ्रषटचारों के दागों को मिटाना चाहती है. अगर सरकार की मंशा नेक होती तो सरकार सबसे पहले सीबीआई को अपने नियंत्रण से मुक्त करती जिससे सीबीआई स्वतन्त्र होकर अपना काम करती. सीबीआई में सरकार की दखलअदाज़ी किसी से छुपी हुई नहीं है. तमिलनाडु की पार्टी (डी.एम. के) का सरकार से समर्थन वापिसी के तुरंत बाद उसी पार्टी की नेता के दफ्तर पर सीबीआई के छापे पड़ना, कोयला घोटाले में सुप्रीम कोर्ट में रिपोर्ट पेश करने से पहले सीबीआई का सरकार से मिलना, ऐसे कई उदाहरण हैं जो सीबीआई पर सरकार के नियंत्रण को साबित करती है. इस कारण सीबीआई अपना काम सही ढंग से नहीं कर पाती. सीबीआई पर से दिनोदिन लोगों का विश्वास उठता जा रहा है. अगर न्यायालय में भी सरकार का दखल होगा तो स्वाभाविक है की न्याय पर उँगलियाँ उठेगी और धीरे धीरे न्यायालय पर से भी लोगों का विश्वास कम हो जायेगा जो की एक लोकतंत्रिक देश के हित में बिलकुल नहीं होगा .
                               
                                                                                                                                        गजेन्द्र कुमार

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