Thursday, 28 November 2013

"Know the Truth"

गरीब दूर तक चलता है..... खाना खाने के लिए......।
अमीर मीलों चलता है..... खाना पचाने के लिए......।

किसी के पास खाने के लिए..... एक वक्त की रोटी नहीं है.....
किसी के पास खाने के लिए..... वक्त नहीं है.....।

कोई लाचार है.... इसलिए बीमार है....।
कोई बीमार है.... इसलिए लाचार है....।

कोई अपनों के लिए.... रोटी छोड़ देता है...।
कोई रोटी के लिए..... अपनों को छोड़ देते है....।

ये दुनिया भी कितनी निराळी है। कभी वक्त मिले तो सोचना....

कभी छोटी सी चोट लगने पर रोते थे.... आज दिल टूट जाने पर भी संभल जाते है।

पहले हम दोस्तों के साथ रहते थे... आज दोस्तों की यादों में रहते है...।

पहले लड़ना मनाना रोज का काम था.... आज एक बार लड़ते है, तो रिश्ते खो जाते है।

सच में जिन्दगी ने बहुत कुछ सीखा दिया,
जाने कब हमकों इतना बड़ा बना दिया।

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