Saturday, 24 January 2015

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा का भारत आना हमारे लिए सम्मान की बात है या अपमान की ?

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा का भारत आना हमारे लिए सम्मान की बात है या अपमान की ? ऐसा लगता है कि ओबामा भारत की औकात बताने के लिए आ रहे हैं. वो बताना चाहते हैं कि भारत के इतना सुरक्षा इंतज़ामों के बावजूद उन्हें भारत की सुरक्षा वयवस्था पर भरोसा नहीं है। दिल्ली में सुरक्षा इतनी कड़ी है कि इतनी कड़ी सुरक्षा तो भारत में बम ब्लास्ट होने के बाद भी नहीं होता। ऊपर से आम लोगों को क्या परेशानी हो रही है पूछिये मत।
अगर ऐसा है तो मैं तो यही चाहूंगा कि माननिये ओबामा जी आप भारत ना आएं। आपके आने से हमे क्या मिल जायेगा सिर्फ दिखावा होगा की ओबामा भारत गए थे। हमे ये भी मालूम है हमे कुछ देने से ज्यादा लूट जाओगे  .

  

Tuesday, 20 January 2015

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Monday, 19 January 2015

किरण और केजरी ...

सियासत इसी का नाम है, जहाँ दो अपने आपस में लड़ बैठते हैं... अगर अन्ना जी को जन्मदाता माने तो किरण बेदी और केजरीवाल उनके बच्चे हुए।  आज उनके बच्चे यानि एक तरह से भाई और बहन आपस में लड़ रहे हैं। आप कितने भी पढ़े- लिखे हो सियासत समझना आसान नहीं है। दोनों काफी पढ़े -लिखे हैं पर सियासत की चाल नहीं समझ पा रहे हैं। सही मायने में तो सियासत करना देश की दोनों बड़ी पार्टियां बीजेपी और कांग्रेस को आती है। अब ये दोनों पार्टियां भाई-बहन को आपस में लड़वाकर तमाशा देखेगी। कभी सोचा है आपने ? जन्मदाता अन्ना जी पर क्या बीत रही होगी ?



Friday, 16 January 2015

अन्ना जी ! आपके किरण और केजरी में क्या फर्क है ?

प्रिये अन्ना जी ,

शायद ये सुनकर आपको भी अच्छा नहीं लगा होगा कि आपकी किरण बेदी अब बीजेपी की नेता बन गयी है। जब केजरीवाल ने नई पार्टी बनाई थी तब आपने और किरण जी दोनों ने विरोध किया था कि पार्टी बनाना सही नहीं है। और कहा था कि एक सामाजिक कार्यकर्त्ता के रूप में भी देश की सेवा की जा सकती है। लोगों ने कहा कि केजरीवाल ने आपको धोखा दिया।

आपको ऐसा नहीं लगता कि किरण बेदी उस समय पार्टी बनाने का विरोध इसलिए कर रही थी कि सारा क्रेडिट केजरीवाल को मिल रहा था। आपके आंदोलन के समय किरण बेदी को कांग्रेस और बीजेपी दोनों पार्टियां अच्छी नहीं लगती थी पर अब ऐसा क्या हो गया जो बीजेपी अच्छी लगने लगी। कहीं ऐसा तो नहीं की अब मुख्यमंत्री बनने के लालच में उन्हें बीजेपी अच्छी लगने लगी।  नरेंद्र मोदी की आलोचना करने वाली आज उनकी प्रशसंक इसलिए बन रही है कि वो भी केजरीवाल की तरह दिल्ली का मुख्यमंत्री बनना चाहती है। कहीं ऐसा तो नहीं कि मुख्यमंत्री बनने की लालच ने आयरन लेडी कही जाने वाली किरण बेदी की ज़ुबान में बीजेपी के लिए मिठास घोल दिया है। अन्ना जी आप किरण जी के बारे में कुछ नहीं कहेंगे ? क्या किरण जी ने आपके साथ धोखा नहीं किया है ? आपके आंदोलन के कार्यकर्त्ता वीके सिंह भी बीजेपी सरकार में मंत्री हैं।  क्या आपका आंदोलन सिर्फ कांग्रेस के खिलाफ था या आपके सपनो  की पार्टी बीजेपी हीं है। जो भी हो मेरी शुभकामनाये किरण जी के साथ है। आप मुख्यमंत्री बने और आपसे उम्मीद करता हूँ कि आप बाकी नेताओं से अच्छा काम करेंगी और गरीबों के बारे में भी सोचेंगी।

                                              गजेन्द्र कुमार   

Sunday, 11 January 2015

‪‎MODI‬ Ji.........

माननीय प्रधानमंत्री जी मैं आपका गुजरात से प्रेम का कारण समझ सकता हूँ, पर अब आप सिर्फ गुजरात के नहीं रहे अब आप पुरे देश के हैं, इसलिए कृपया गुजरात से बाहर के बारे में भी सोचने का कष्ट करें
एक बात और सरकार का काम नक्सलियों को लोकतंत्र में शामिल करवाने की कोशिश करना है. ये बात हमारे प्रधानमंत्री को शोभा नहीं देता कि वो किसी भारतीय नागरिक को कहे कि वो नक्सलियों के साथ मिल जाये , चाहे वो शख्स आपका घोर विरोधी हीं क्यों न हो...

Thursday, 1 January 2015

ज्ञान.............

एक बेचैन शख़्स ने पूछ दिया मुझसे कि ज्ञान क्या चीज़ है, मैंने कहा ज्ञान वो अमूल्य धन हैं जो इंसान को मानसिक शांति देता है और कठिन परिस्थितियों में भी मुस्कुराने की हिम्मत देता है।

फिर उसने पूछा कि ये ज्ञान कहाँ मिलता हैं मैंने तो पी.एच.डी की है, मैंने कहा ये ज्ञान डिग्री से हासिल नहीं होता, ये ज्ञान ज़िंदगी से हासिल करनी पड़ती है.

                                                                                      गजेन्द्र कुमार