माननीय प्रधानमंत्री जी मैं आपका गुजरात से प्रेम का कारण समझ सकता हूँ, पर अब आप सिर्फ गुजरात के नहीं रहे अब आप पुरे देश के हैं, इसलिए कृपया गुजरात से बाहर के बारे में भी सोचने का कष्ट करें
एक बात और सरकार का काम नक्सलियों को लोकतंत्र में शामिल करवाने की कोशिश करना है. ये बात हमारे प्रधानमंत्री को शोभा नहीं देता कि वो किसी भारतीय नागरिक को कहे कि वो नक्सलियों के साथ मिल जाये , चाहे वो शख्स आपका घोर विरोधी हीं क्यों न हो...
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