Tuesday, 2 June 2015

बस यूँ हीं ...

अब गुमां नहीं होता मुझे अपने रिश्तों पर
ज़िंदगी ने कुछ ऐसी कहानी पेश की है....

लोग खामोश क्यों रहतें हैं
ज़िंदगी ने बखूबी समझा दिया मुझे ...
रिश्तोें में ख़ामोशी का मतलब काफी गहरा होता है
यानि कहने, सुनने और लड़ने के लिए कुछ नहीं रह गया है

मैं मदद मांगने में संकोच नहीं करता,
पर भीख मांगना मेरी फितरत नहीं ...

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