कर्नाटक विधान सभा चुनाव का परिणाम आ चूका है। कांग्रेस पार्टी कर्नाटक में काफी लम्बे अरसे के बाद पूर्ण बहुमत में आई है। निश्चित रूप से कांग्रेस पार्टी के लिए ख़ुशी मनाने का वक़्त है, पर देश की जनता के लिए सोचने का वक़्त है. कांग्रेस पार्टी की जीत कई सवाल खड़े करते हैं.. क्या जनता कांग्रेस पार्टी के नेताओं द्वारा किये जाने वाले घोटालों को भूल गयी है ? या फिर उन्हें घोटालों के बारे में पता ही नहीं है ? या फिर और दुसरे पार्टियों से कांग्रेस पार्टी ज्यादा ईमानदार है ? या फिर कोई और विकल्प ना होने पर मज़बूरी में कांग्रेस पार्टी ही सही ? मुझे तो यही लगता है, क्यों की कर्नाटक एक विकसित राज्य है वहां के ज्यादातर लोग शिक्षित हैं. कर्नाटक की जनता को 2G घोटाले, कोलगेट,रेल मंत्री जी का नया मामला, आदि ये सारी बातें दिमाग में ज़रूर होगी, पर करे भी तो क्या आज के दौर में कोन सी पार्टी है जो भ्रस्ट नहीं है ? ये हाल पुरे देश का है कोई भी ऐसी पार्टी नहीं है जो भ्रस्ट नहीं है ..
लोग बड़ी उम्मीद के साथ हर बार नयी पार्टी की सरकार बनाते है की अब शायद पार्टी कुछ अच्छा करेगी पर उम्मीद हर बार की तरह धूमिल हो जाती है। पार्टी की जीत के बाद पार्टी के लोग अपनी सेखी बधारने लगते हैं की मेरी पार्टी अच्छी है, ये जानते हुए की वो जनता के लिए क्या करते हैं। निश्चित रूप से ये कांग्रेस की जीत नहीं है। यह जनता की मज़बूरी है कि किसी न किसी पार्टी को तो वोट देना ही है चाहे वो भ्रस्ट ही क्यूँ न हो। और यह मजबूरी हमारे देश को बर्बादी की तरफ तेज़ी के साथ ले जा रही है। अगर ऐसा ही चलता रहा तो एक दिन हमारा देश पूरी तरह खोखला हो जायेगा और लोग हम पर हसेंगें...क्या ऐसा होने से हम इसे रोक सकते हैं ???????????
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