जिस तरह आजकल प्रधानमंत्री 'नरेंद्र मोदी' जी के सूट को लेकर बेमतलब काफी बवाल हो रहा रहा है, उसी तरह पिछले कुछ दिनों से ऐसे हीं कुछ बेमतलब के कारणों से मुझे भी काफी परेशानी का सामना करना पड़ा है। जिस तरह मोदी जी के सूट को लेकर विपक्षी पार्टी ने बेवजह तूल दिया उसी तरह मेरे साथ भी किसी अच्छे आर्गेनाईजेशन के पत्रकार ने सस्ते में नाम कमाने के लिए बेवजह मेरी किसी बात को इतना तूल दिया कि
आखिकार मुझे नोटिस थमा दिया गया। इतना हीं नहीं इस नोटिस में मेरे सर नेम "कुमार' की जगह "सिंह" लिखा गया। ताज़्ज़ुब होता है कि मुझे लोग अक्सर पंजाब में पढाई के दौरान 'कुमार' की जगह 'सिंह' बुलाने की गलती कर बैठते थे पर अब यहाँ भी ऐसा हो रहा है। अब मैं सोचता हूँ कि क्या मैं वाक़ई एक बिहारी से पंजाबी में कन्वर्ट हो गया हूँ.. हा हा हा.. अब तो इस 'कुमार' पर 'सिंह' जी भारी पड़ रहे हैं। अगर मैं अपनी बात को पत्रकार रवीश कुमार के स्टाइल में ख़त्म करूँ तो कुछ यूँ लिखना पड़ेगा।
अरे दिपुआ, ई नोटिसवा तो हमारा मिल गेलै, पर हमर गलतिया का हलै रे ???
आखिकार मुझे नोटिस थमा दिया गया। इतना हीं नहीं इस नोटिस में मेरे सर नेम "कुमार' की जगह "सिंह" लिखा गया। ताज़्ज़ुब होता है कि मुझे लोग अक्सर पंजाब में पढाई के दौरान 'कुमार' की जगह 'सिंह' बुलाने की गलती कर बैठते थे पर अब यहाँ भी ऐसा हो रहा है। अब मैं सोचता हूँ कि क्या मैं वाक़ई एक बिहारी से पंजाबी में कन्वर्ट हो गया हूँ.. हा हा हा.. अब तो इस 'कुमार' पर 'सिंह' जी भारी पड़ रहे हैं। अगर मैं अपनी बात को पत्रकार रवीश कुमार के स्टाइल में ख़त्म करूँ तो कुछ यूँ लिखना पड़ेगा।
अरे दिपुआ, ई नोटिसवा तो हमारा मिल गेलै, पर हमर गलतिया का हलै रे ???
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