मेरे पिता जी के जैसे लाखों करोड़ों पिताओं के सपने चकनाचूर हो रहे हैं...हर पिता का सपना होता है कि उसका बेटा उनका नाम रोशन करेगा ...पर बहुत कम ही पिताओं का यह सपना सच हो पाता है ....आज के युवाओं को उच्च शिक्षा ग्रहण करने के बावजूद अच्छी नौकरी नहीं मिल पाती...युवाओं के दिल के सारे अरमान आसुंओं में बह जाते हैं...बड़ा दुखदायी होता है ये लम्हा इक ही पल में बेटा और बाप दोनों का ख़ाब बिखर जाता है...इन्ही परेशानियों को दूर करने के लिए मैंने सोचा है कि नेता बन जाऊ...नेता बनने से आज के युवा काफी घबराते हैं...इस फील्ड में भीड़ भी कम है... सोचता हूँ अपना समय पढाई की जगह नेता बनने में लगाया होता तो आज कुछ न कुछ ज़रूर बन जाता...यार इस फील्ड में स्कोप भी बहुत है, पंचायत के सरपंच, मुखिया से लेकर मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री,राष्ट्रपति तक बनने का स्कोप है. अरे लाख पढाई कर लो आपको कोई भी पढाई प्रधानमंत्री की कुर्सी तक नहीं पंहुचा सकती, आप लाख पढाई कर लो काम तो नेता जी के अन्दर ही करोगे ना... और पैसे तो हैं ही चाहे आप सरपंच ही बन जाओ, इसमें कमाई बहुत है...आप पूरी जिंदगी नौकरी कर के एक फटफटी स्कूटर से लेकर ज्यादा से ज्यादा लखटकिया( नैनो ) तक पहुँच सकते हो पर इक बार भी आप अगर अपने गाँव का सरपच बन गये तो आपके पास बड़ी-बड़ी गाड़ियाँ होंगी और पढ़े लिखे लोग भी सरपंच साहब कहकर बुलाएँगे... और इज्ज़त तो है हीं, भले आप पीछे में गालियाँ निकालो पर सामने तो नेता जी हीं कहोगे ...और नेता जी का नाम पूरा देश न सही उस क्षेत्र के सारे लोग तो जानते ही है ..इस तरह नाम भी रोशन हो जायेगा और पिता जी भी खुश ...नेताजी कहने पर आप अपने आँखों के सामने सुभाष चंद्र बोस, महात्मा गाँधी, सरदार पटेल और लाल बहादुर शास्त्री जैसे नेताओ का अक्स मत उभारना...वो तो बीती बात हो गयी है अब नेता बनने का मतलब सेवा करना नहीं है..नेता बनना एक पेशा बन गया है, एक रोज़गार बन गया है, जिसके ज़रिये कोई भी इन्सान बहुत कम समय में नाम, दौलत, शोहरत सब कुछ पा सकता है... नेता बनने के बाद आपके पास पॉवर आ जाती है फिर आपको किसी के पास नौकरी के लिए दौड़ना नहीं पड़ता बल्कि आपके कहने पर किसी को भी नौकरी मिल सकती है..आपकी सिफारिश को किसी में टालने की हिम्मत नहीं होती...आज के लोग नेता बनने से बड़े भागते हैं...मैं तो कहता हूँ जब नेता बनना एक पेशा बन गया है तो क्यूँ ना नेता बनने का कोर्स भी शुरू कर दिया जाये ...फिर देखना कैसे लोग डॉक्टर और इंजीनियरिंग की पढाई छोड़ कर नेता बनने का कोर्स ज्वाइन करेंगे और फिर घर वाले भी नेता बनने के लिए प्रोत्साहित करेंगे...लोग कहते हैं नेता बड़े भ्रस्त होते हैं...मैं तो कहता हूँ नेता बनने की प्रोफेशनल डिग्री शुरू कर ही दो ताकि जैसे आज हर फील्ड में प्रोफेशनल लोगों की भरमार होने की वजह से उनकी सैलरी बहुत कम हो गयी है..वैसे ही नेताओं के फील्ड में भी प्रोफेशनल्स के भरमार होने पर इनकी इनकम भी कम हो जाएगी..फिर शायद गरीबी और अमीरी का फासला कुछ कम हो जायेगा ...
गजेन्द्र कुमार